tag:blogger.com,1999:blog-7364482593495684082.post1569850093927180668..comments2023-12-08T05:07:04.783-08:00Comments on कुछ एहसास: हिरोशिमा के लिए...pallavi trivedihttp://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7364482593495684082.post-62925384895075430722009-11-19T01:39:23.121-08:002009-11-19T01:39:23.121-08:00पुराने पोस्टों में झांकते हुये ’ग़ज़ल" के लेबल ...पुराने पोस्टों में झांकते हुये ’ग़ज़ल" के लेबल पर नजर पड़ी तो आ गया इधर...<br /><br />ये मुकम्मल ग़ज़ल लगी...इस लेबल की सारी रचनायें पढ़ डाली है। कुछ मिस्रे तो लाजवाब बुने हैं आपने...और खासकर ये ग़ज़ल तो बहुत ही अच्छी बन पड़ी है{छंद के हिसाब से भी और कथ्य के हिसाब से भी}गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.com