ये रात कितनी हसीन है
काली स्याह रात की चादर पर
परियों ने सितारे टांक दिए हैं और
रजनीगंधा ने महका दिया है
इस मदहोश रात को...
ये हसीन आलम और
तुम मेरे पहलू में
बस और कोई ख्वाहिश नहीं अब...
इस रात को चाँद का
सफ़ेद टीका लगा आया हूँ
कहीं किसी की नज़र न लग जाए...
तुम्हारा दिसंबर खुदा !
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मुझे तुम्हारी सोहबत पसंद थी ,तुम्हारी आँखे ,तुम्हारा काजल तुम्हारे माथे पर
बिंदी,और तुम्हारी उजली हंसी। हम अक्सर वक़्त साथ गुजारते ,अक्सर इसलिए के, हम
दोनो...
4 years ago