जब भूख की ज्वाला जलती है
ईमान भस्म हो जाता है
भूख दफन हो या न हो
इंसान दफन हो जाता है
भरा पेट हो तो भविष्य के
सपने कई जगाता है
एक सूखी रोटी की टुकडा
बच्चों को चोर बनाता है
जाने कितनों के हाथों में
भूखे मरने की रेखा है
शाइनिंग इंडिया में हमने
भूखों को बिलखते देखा है
सोचो उस माँ के बारे मे
जिसके बच्चे कंकाल से हैं
बेबस बाप की आँखों में
कुछ जलते हुए सवाल से हैं
इन बेईमान रईसों के
बाल न बांका होता है
जब भी कोई जुर्म हो तो
शक भूखों पर ही होता है
जिसका पेट भरा हो तो
दिल खाली हो जाता है
भूखा तो अपनी रोटी भी
मिल बाँट कर खाता है
जब भूख की ज्वाला जलती है
ईमान भस्म हो जाता है...
तुम्हारे लिए
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मैं उसकी हंसी से ज्यादा उसके गाल पर पड़े डिम्पल को पसंद करता हूँ । हर सुबह
थोड़े वक्फे मैं वहां ठहरना चाहता हूँ । हंसी उसे फबती है जैसे व्हाइट रंग ।
हाँ व्...
5 years ago
1 comments:
Now maturity is coming. Keep it up.
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