जेहन से जाती ही नहीं
वो भीगी शाम
छलक उठी थी तुम्हारे
अश्कों में डूबकर
याद है मुझे तुम्हारी ठंडी छुअन
जिसके एहसास से मैं
आज भी सिहर उठता हूँ
तुम्हारा चेहरा...
जैसे किसी ने दर्द लाकर मल दिया हों
सीना तो मेरा भी फट गया था
पर मर्द था न... आंसू जज्ब कर गया था
मेरे सीने से लगी तुम और
उफ़,तुम्हारी वो सिसकियाँ
सीधे दिल में उतर रही थीं
पूरे पहर खामोश थे हम
और शाम गीली हों रही थी
अरसा बीत गया...
पर मांजी की वो भीगी शाम![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgTbTMr0zTTtREYWwl7mThQHYDh7uttC2tSXuLxJxTFf8OMvCM8nppTLqKo5WJZLkXzQyOXKLzblrDbjVTurara97QSloEHGzjeP5yXge9FDaUp2Fp5TiXaHShOHHwZPGrgyvJddwe4LvMa/s320/rain-drop-s.jpg)
खिंची चली आई है
मेरे आज का सिरा पकड़कर
यूं तो जिस्म सूखा है पर
रूह तो आज तक भीगी हुई है
शायद आखिरी मुलाकातें ऐसी ही होती हैं....
वो भीगी शाम
छलक उठी थी तुम्हारे
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj3SeT4Eha9z5xikBoTPCDSF5rwufkUhjeBfV7mi5fzIyTbD-rtegXpj9YdI6sBAE__kb-CzSkSK6LcKLnOHIp4sMKRyCa66Cjy_8DygfpA4qzxYLA-FpfLtTBX8L1kcw7jq3R3g6Bxm3X6/s320/flower-rain-drop-s.jpg)
याद है मुझे तुम्हारी ठंडी छुअन
जिसके एहसास से मैं
आज भी सिहर उठता हूँ
तुम्हारा चेहरा...
जैसे किसी ने दर्द लाकर मल दिया हों
सीना तो मेरा भी फट गया था
पर मर्द था न... आंसू जज्ब कर गया था
मेरे सीने से लगी तुम और
उफ़,तुम्हारी वो सिसकियाँ
सीधे दिल में उतर रही थीं
पूरे पहर खामोश थे हम
और शाम गीली हों रही थी
अरसा बीत गया...
पर मांजी की वो भीगी शाम
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgTbTMr0zTTtREYWwl7mThQHYDh7uttC2tSXuLxJxTFf8OMvCM8nppTLqKo5WJZLkXzQyOXKLzblrDbjVTurara97QSloEHGzjeP5yXge9FDaUp2Fp5TiXaHShOHHwZPGrgyvJddwe4LvMa/s320/rain-drop-s.jpg)
खिंची चली आई है
मेरे आज का सिरा पकड़कर
यूं तो जिस्म सूखा है पर
रूह तो आज तक भीगी हुई है
शायद आखिरी मुलाकातें ऐसी ही होती हैं....
1 comments:
Nice Wrting !!
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