Wednesday, September 21, 2011

happy birth day papa...

डियर पापा... ये मेरा आपको लिखा पहला खत है! सालों से बहुत कुछ मन में है जो कहना चाहती थी पर कैसे कहती.. जो आप तक पहुँच पाता? आज आप होते तो चौंसठ साल के होते! क्या कहूँ...कहाँ से शुरू करूँ समझ नहीं प् रही हूँ! बस इतना पता है कि आज मैं आपसे ढेर सारी बातें करना चाहती हूँ... वो जो आपके जाने के बाद हुआ उसके बारे में...और वो भी जो आपके रहते भी आपसे कभी न कह सकी! पापा आपको पता है.. आपके जाने के बाद मैंने आपको अपने ज्यादा करीब महसूस किया है! पता नहीं क्या सिस्टम है हमारे यहाँ कि हम अपने पिता से कभी दोस्ती का रिश्ता नहीं रख पाते! एक संकोच..एक भय हमेशा मैंने भी महसूस किया! कई बार मन करता था कि अच्छा रिज़ल्ट आने पर दौडकर आपके गले लग जाऊ मगर हमेशा एक दूरी सी बनी रही!जैसा लाड मम्मी को कर सकते थे ..आपको कभी न कर पाए! सम्मान हमेशा प्यार पर हावी रहा!अपने मन की बातें कभी खुल कर हम चारों आपसे कभी न कह सके! मगर आपके जाने के बाद जैसे सारी गांठें खुल गयीं! हमारे रिश्ते को हर भय ..हर संकोच से आज़ादी मिल गयी!

जब आप गए तो अचानक से दुनिया वीरान हो गयी! लगा जैसे ..हम सब एक दूसरे के साथ रहते हुए भी बिलकुल अकेले हैं! पर वक्त के साथ धीरे धीरे हम सहज हुए और एक दिन अचानक महसूस हुआ... जैसे आप कहीं नहीं गए हैं! बल्कि अब मेरे और ज्यादा करीब आ गए हैं! मैंने हर बुरे समय में आपको याद किया...आपसे मदद मांगी और आपसे दिल की सारी बातें कहकर ..आपके सामने रोकर हलकी हो गयी! हर बार लगा..मानो आप मेरे बालों को सहला रहे हैं और मुझे नींद आ गयी! मुझे अब खुद पर आश्चर्य होता है...कभी कोई अंधविश्वास न मानने वाली मैं अब ये यकीन करने लगी हूँ कि दुनिया से जाने वाले लोग सितारे बन जाते हैं.. कई बार मैं आसमान को एकटक देखती हूँ और आप हँसते हुए मुझे नज़र आते हो! पुनर्जन्म की कोई बात करता है तो मुझे लगता है अगर आप वापस इस दुनिया में आये होगे तो इस वक्त ग्यारह साल के होगे! सोचकर मुस्कुरा पड़ती हूँ मैं!

पापा...आपकी तस्वीर कमरे में है मगर हम उस पर फूलमाला नहीं टांगते हैं! क्योकि आप कहीं नहीं गए हो... बस मिस्टर इण्डिया की तरह इनविजिबल हो गए हो! हम आपको महसूस कर सकते हैं...आपसे बात कर सकते हैं और आपको सुन सकते हैं! पापा एक बचकानी बात कहूँ... आपके जाने के बाद न जाने क्यों मुझे लगता था कि आप जहां भी होगे बहुत अकेले होगे! क्योंकि आपके सारे दोस्तों ..परिवार वालों में आप ही सबसे पहले गए! इसलिए आपके एक दोस्त जब इस दुनिया से गए तो मुझे लगा जैसे अब आपको वहाँ कंपनी मिल गयी होगी और आप पहले की तरह ठहाके लगा रहे होगे! और अब तो अम्मा..बब्बा भी आपके साथ होंगे न! आप फिर से विथ फैमिली रह रहे होगे न :)

पापा... मैं जानती हूँ मैंने कई बार आपका दिल दुखाया! और कभी माफ़ी नहीं मांग पाई! पर जिस तरह अचानक आप चले गए उससे मैं एक बात सीखी कि माफ़ी मांगने में एक पल की देर भी नहीं करना चाहिए! वैसे मैं जानती हूँ कि आपने मुझे कब का माफ कर दिया है पर फिर भी आज दोबारा आपसे अपनी हर गलती की माफ़ी मांगती हूँ! ये सोचकर कि ये खत आप तक ज़रूर पहुंचेगा! कौन जाने कोई सैटेलाईट वहाँ भी तरंगे भेजती हो! और आप मेरा ब्लॉग वहाँ मेंहदी हसन कि ग़ज़ल गुनगुनाते हुए पढते हो!

पापा.. हम सब आपको बहुत बहुत प्यार करते हैं! मिन्नी की शादी में हम सबने आपको बहुत मिस किया! हांलाकि एक दूसरे से किसी ने कुछ नहीं कहा! पापा..मैं आपको हमेशा परेशान करती रहूंगी और अपनी सारी बेसिर पैर की बातें सुनाकर आपका सर खाती रहूंगी! हाँ..मैं बिलकुल सेंटी नहीं हो रही हूँ आपके जन्मदिन पर!मुस्कराहट के साथ आपको ये खत लिख रही हूँ!आप भी मुस्कुरा कर ही पढ़िए! happy birth day papa... i love u.

आपको आपके जन्मदिन पर आपकी पसंद की एक ग़ज़ल भेज रही हूँ! सुनिए और भगवान को भी सुनाइये... .