हवा में उछाले गए चुम्बन,
किसी को ज़ेहन में रखकर लिखी और
फिर फाड़ डाली गयी नज्में
कभी न कभी पते पर ज़रूर पहुँचते हैं.......
आंसुओं और नमक में क्या रिश्ता है
सिवाय इसके कि
दोनों जिंदगी में स्वाद बढाते हैं
पर आंसू कभी चुटकी भर नहीं मिलते
आखें किराए का इक मकान हैं
और ह्रदय आंसुओं का पुरखों वाला घर
पीड़ा प्रेम का स्थायी भाव है
प्रेम एक पालतू बिल्ली है
और दिल उसका मालिक
मालिक के चेहरे पर नाखूनों के अनगिन निशान हैं
बिल्ली मरती नहीं ... मालिक उसे भगाता नहीं
जब कोई लम्हा ठिठक जाता है तो
इक दास्तान में बदल जाता है
रुके हुए लम्हे कभी मरते नहीं
तुम्हारे इंतज़ार में रुका लम्हा आज भी धड़कता है
एक चील भी अपने घोंसले वाली डाली पर
किसी दूसरी चील को बैठने नहीं देती
मैं तो फिर भी इंसान हूँ....
3 comments:
Padhe gaye
अच्छा लगा चील के पासंग में बैठना।
बढिया है प्रेम का बिल्ली होना और ..और भी बहुत कुछ..
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