कमला के आदमी ने कमला के गाल सुजाये
खींचा पटका और घर से निकाल दिया
इसने देखा , उसने देखा , सबने देखा
मैंने भी देखा
सबके कानों में एक साथ गांधीजी चिल्लाये
" बुरा मत देखो "
हम सब अपनी आँखों पर हाथ रखकर घर लौट गए
कमला रोती रही रातभर गली के कुत्तों के साथ
मोटी मोटी गालियां बकती रही अपने घर की देहरी के बाहर
इसने , उसने , सबने सुनीं
मैंने भी सुनीं
गांधी जी फिर हमारे कानों में फुसफुसाए
" बुरा मत सुनो "
हम सब ने खिड़कियाँ बंद कीं और सो गए
कमला फिर कभी नहीं दिखी
दो दिन बाद एक अनजान औरत की मौत पुलिस फ़ाइल में दर्ज़ थी
शिनाख्त पर कोई कमला निकली
पुलिस मोहल्ले भर में पूछती फिरी
" क्या हुआ था ? कमला के पति का चलन कैसा है ?"
मूर्ख हवलदार .. क्या जाने गांधी की शिक्षा
हम किसी के लिए बुरा नहीं बोलते ... गांधी बुरा मान जाते हैं
हमने अपने मुंह पर हाथ रख लिया
जांच में कमला की मौत नामालूम वजहों से आत्महत्या निकली
हमने अगले दिन गांधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाये
ऐनक और चरखे को कवर फ़ोटू बनाया
तीन बंदरों को शुक्रिया कहा
इस तरह हमने दो अक्टूबर मनाया
4 comments:
Start self publishing with leading digital publishing company and start selling more copies
Publish Online Book and print on Demand
तीन बंदर,चुपरहनेवाले सामाजिक जीवन के लिये कितने व्यर्थ हैं- काश, अपने बोधों का सदुपयोग करना सिखाते!
झकझोर कर रख देने वाली रचना की प्रस्तुति।
कमला के आदमी ने कमला के गाल सुजाये
खींचा पटका और घर से निकाल दिया
इसने देखा , उसने देखा , सबने देखा
मैंने भी देखा
सबके कानों में एक साथ गांधीजी चिल्लाये
" बुरा मत देखो "
हम सब अपनी आँखों पर हाथ रखकर घर लौट गए
कमला रोती रही रातभर गली के कुत्तों के साथ
मोटी मोटी गालियां बकती रही अपने घर की देहरी के बाहर
इसने , उसने , सबने सुनीं
मैंने भी सुनीं
गांधी जी फिर हमारे कानों में फुसफुसाए
" बुरा मत सुनो "
हम सब ने खिड़कियाँ बंद कीं और सो गए।
अहिंसा पर गांधी जी के विचार
Post a Comment