डियर पापा... ये मेरा आपको लिखा पहला खत है! सालों से बहुत कुछ मन में है जो कहना चाहती थी पर कैसे कहती.. जो आप तक पहुँच पाता? आज आप होते तो चौंसठ साल के होते! क्या कहूँ...कहाँ से शुरू करूँ समझ नहीं प् रही हूँ! बस इतना पता है कि आज मैं आपसे ढेर सारी बातें करना चाहती हूँ... वो जो आपके जाने के बाद हुआ उसके बारे में...और वो भी जो आपके रहते भी आपसे कभी न कह सकी! पापा आपको पता है.. आपके जाने के बाद मैंने आपको अपने ज्यादा करीब महसूस किया है! पता नहीं क्या सिस्टम है हमारे यहाँ कि हम अपने पिता से कभी दोस्ती का रिश्ता नहीं रख पाते! एक संकोच..एक भय हमेशा मैंने भी महसूस किया! कई बार मन करता था कि अच्छा रिज़ल्ट आने पर दौडकर आपके गले लग जाऊ मगर हमेशा एक दूरी सी बनी रही!जैसा लाड मम्मी को कर सकते थे ..आपको कभी न कर पाए! सम्मान हमेशा प्यार पर हावी रहा!अपने मन की बातें कभी खुल कर हम चारों आपसे कभी न कह सके! मगर आपके जाने के बाद जैसे सारी गांठें खुल गयीं! हमारे रिश्ते को हर भय ..हर संकोच से आज़ादी मिल गयी!
जब आप गए तो अचानक से दुनिया वीरान हो गयी! लगा जैसे ..हम सब एक दूसरे के साथ रहते हुए भी बिलकुल अकेले हैं! पर वक्त के साथ धीरे धीरे हम सहज हुए और एक दिन अचानक महसूस हुआ... जैसे आप कहीं नहीं गए हैं! बल्कि अब मेरे और ज्यादा करीब आ गए हैं! मैंने हर बुरे समय में आपको याद किया...आपसे मदद मांगी और आपसे दिल की सारी बातें कहकर ..आपके सामने रोकर हलकी हो गयी! हर बार लगा..मानो आप मेरे बालों को सहला रहे हैं और मुझे नींद आ गयी! मुझे अब खुद पर आश्चर्य होता है...कभी कोई अंधविश्वास न मानने वाली मैं अब ये यकीन करने लगी हूँ कि दुनिया से जाने वाले लोग सितारे बन जाते हैं.. कई बार मैं आसमान को एकटक देखती हूँ और आप हँसते हुए मुझे नज़र आते हो! पुनर्जन्म की कोई बात करता है तो मुझे लगता है अगर आप वापस इस दुनिया में आये होगे तो इस वक्त ग्यारह साल के होगे! सोचकर मुस्कुरा पड़ती हूँ मैं!
पापा...आपकी तस्वीर कमरे में है मगर हम उस पर फूलमाला नहीं टांगते हैं! क्योकि आप कहीं नहीं गए हो... बस मिस्टर इण्डिया की तरह इनविजिबल हो गए हो! हम आपको महसूस कर सकते हैं...आपसे बात कर सकते हैं और आपको सुन सकते हैं! पापा एक बचकानी बात कहूँ... आपके जाने के बाद न जाने क्यों मुझे लगता था कि आप जहां भी होगे बहुत अकेले होगे! क्योंकि आपके सारे दोस्तों ..परिवार वालों में आप ही सबसे पहले गए! इसलिए आपके एक दोस्त जब इस दुनिया से गए तो मुझे लगा जैसे अब आपको वहाँ कंपनी मिल गयी होगी और आप पहले की तरह ठहाके लगा रहे होगे! और अब तो अम्मा..बब्बा भी आपके साथ होंगे न! आप फिर से विथ फैमिली रह रहे होगे न :)
पापा... मैं जानती हूँ मैंने कई बार आपका दिल दुखाया! और कभी माफ़ी नहीं मांग पाई! पर जिस तरह अचानक आप चले गए उससे मैं एक बात सीखी कि माफ़ी मांगने में एक पल की देर भी नहीं करना चाहिए! वैसे मैं जानती हूँ कि आपने मुझे कब का माफ कर दिया है पर फिर भी आज दोबारा आपसे अपनी हर गलती की माफ़ी मांगती हूँ! ये सोचकर कि ये खत आप तक ज़रूर पहुंचेगा! कौन जाने कोई सैटेलाईट वहाँ भी तरंगे भेजती हो! और आप मेरा ब्लॉग वहाँ मेंहदी हसन कि ग़ज़ल गुनगुनाते हुए पढते हो!
पापा.. हम सब आपको बहुत बहुत प्यार करते हैं! मिन्नी की शादी में हम सबने आपको बहुत मिस किया! हांलाकि एक दूसरे से किसी ने कुछ नहीं कहा! पापा..मैं आपको हमेशा परेशान करती रहूंगी और अपनी सारी बेसिर पैर की बातें सुनाकर आपका सर खाती रहूंगी! हाँ..मैं बिलकुल सेंटी नहीं हो रही हूँ आपके जन्मदिन पर!मुस्कराहट के साथ आपको ये खत लिख रही हूँ!आप भी मुस्कुरा कर ही पढ़िए! happy birth day papa... i love u.
आपको आपके जन्मदिन पर आपकी पसंद की एक ग़ज़ल भेज रही हूँ! सुनिए और भगवान को भी सुनाइये... .
जब आप गए तो अचानक से दुनिया वीरान हो गयी! लगा जैसे ..हम सब एक दूसरे के साथ रहते हुए भी बिलकुल अकेले हैं! पर वक्त के साथ धीरे धीरे हम सहज हुए और एक दिन अचानक महसूस हुआ... जैसे आप कहीं नहीं गए हैं! बल्कि अब मेरे और ज्यादा करीब आ गए हैं! मैंने हर बुरे समय में आपको याद किया...आपसे मदद मांगी और आपसे दिल की सारी बातें कहकर ..आपके सामने रोकर हलकी हो गयी! हर बार लगा..मानो आप मेरे बालों को सहला रहे हैं और मुझे नींद आ गयी! मुझे अब खुद पर आश्चर्य होता है...कभी कोई अंधविश्वास न मानने वाली मैं अब ये यकीन करने लगी हूँ कि दुनिया से जाने वाले लोग सितारे बन जाते हैं.. कई बार मैं आसमान को एकटक देखती हूँ और आप हँसते हुए मुझे नज़र आते हो! पुनर्जन्म की कोई बात करता है तो मुझे लगता है अगर आप वापस इस दुनिया में आये होगे तो इस वक्त ग्यारह साल के होगे! सोचकर मुस्कुरा पड़ती हूँ मैं!
पापा...आपकी तस्वीर कमरे में है मगर हम उस पर फूलमाला नहीं टांगते हैं! क्योकि आप कहीं नहीं गए हो... बस मिस्टर इण्डिया की तरह इनविजिबल हो गए हो! हम आपको महसूस कर सकते हैं...आपसे बात कर सकते हैं और आपको सुन सकते हैं! पापा एक बचकानी बात कहूँ... आपके जाने के बाद न जाने क्यों मुझे लगता था कि आप जहां भी होगे बहुत अकेले होगे! क्योंकि आपके सारे दोस्तों ..परिवार वालों में आप ही सबसे पहले गए! इसलिए आपके एक दोस्त जब इस दुनिया से गए तो मुझे लगा जैसे अब आपको वहाँ कंपनी मिल गयी होगी और आप पहले की तरह ठहाके लगा रहे होगे! और अब तो अम्मा..बब्बा भी आपके साथ होंगे न! आप फिर से विथ फैमिली रह रहे होगे न :)
पापा... मैं जानती हूँ मैंने कई बार आपका दिल दुखाया! और कभी माफ़ी नहीं मांग पाई! पर जिस तरह अचानक आप चले गए उससे मैं एक बात सीखी कि माफ़ी मांगने में एक पल की देर भी नहीं करना चाहिए! वैसे मैं जानती हूँ कि आपने मुझे कब का माफ कर दिया है पर फिर भी आज दोबारा आपसे अपनी हर गलती की माफ़ी मांगती हूँ! ये सोचकर कि ये खत आप तक ज़रूर पहुंचेगा! कौन जाने कोई सैटेलाईट वहाँ भी तरंगे भेजती हो! और आप मेरा ब्लॉग वहाँ मेंहदी हसन कि ग़ज़ल गुनगुनाते हुए पढते हो!
पापा.. हम सब आपको बहुत बहुत प्यार करते हैं! मिन्नी की शादी में हम सबने आपको बहुत मिस किया! हांलाकि एक दूसरे से किसी ने कुछ नहीं कहा! पापा..मैं आपको हमेशा परेशान करती रहूंगी और अपनी सारी बेसिर पैर की बातें सुनाकर आपका सर खाती रहूंगी! हाँ..मैं बिलकुल सेंटी नहीं हो रही हूँ आपके जन्मदिन पर!मुस्कराहट के साथ आपको ये खत लिख रही हूँ!आप भी मुस्कुरा कर ही पढ़िए! happy birth day papa... i love u.
आपको आपके जन्मदिन पर आपकी पसंद की एक ग़ज़ल भेज रही हूँ! सुनिए और भगवान को भी सुनाइये... .
30 comments:
यह जानकार बहुत बुरा लगा की आप के पापा अल्प आयु में ही आप सब को छोड़ कर चले गए थे. आपका लिखा पढ़ कर हम तो सेंटी हो गए भले आप न हुए हों. पापा को मेरी ओर से भी जन्म दिन की शुभ कामनाएं. उन की सुख शांति बनी रहे और वे आपको सदैव मार्गदर्शन देते रहें.
ॐ
यही जज्बा रखना ..
एक सांस में
पूरा ख़त पढ़ गयी और आपके पापा की छवि साकार हो उठी !
सच वे आपके साथ हैं पल्लवी जी ..
इतनी अच्छी बिटिया के पापा कितने भले होंगें ..
मेरी ओर से आपके पापा के लिए साल गिरह की ढेरों बधाईयाँ ...
ईश्वर उन के साथ हैं और आपके साथ भी हैं
सस्नेह आशिष
- लावण्या
मन संवेदित हो गया ...और ऊपर से मेहंदी हसन ..गजल सरताज
....
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी
जैसी अब है तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी..
विनम्र श्रद्धांजलि!
विदेह होकर अब तो वे सर्वव्याप्त हैं। श्रद्धांजलि!
मन के भावों को भविष्य के लिये न छोड़ दें, पत्र नम कर गया।
और कुछ नहीं..बेटी की बातें पापा से..! इसे पढते कोई भी बेटी या पिता इससे इतर सोच ही नहीं सकेगा................
आपकी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता काबिले तारीफ़ है। अद्भुत।
आपके पापा को जन्मदिन की शुभकामनायें। उनकी स्मृति को नमन!
No Comment !
No Comment !
बहुत संवेदनशील पोस्ट ... यूँ भी अपने प्रिय जन को याद किया जा सकता है ... अद्भुत लेखन क्षमता
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी...
happy birth day papa... i love u.
ईश्वर को इस सृष्टि को चलाने के लिए अच्छे साथियों की ज़रूरत होती है...इसलिए आपके पापा को चुना...वो जहां कहीं भी है उनका आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहेगा...
जय हिंद...
पल्लवी चाह कर भी मैं तुम्हारी पोस्ट नहीं पढूंगी शायद नहीं पढ़ पाउंगी ..दिल से बहुत कमज़ोर हूँ ...माफ़ करना
निश्चित ही पापा अपनी बिटिया के एह्सास पल-पल जानते होंगे। इस चिठ्ठी से तो हम सब बहुत कुछ सीखने लायक जान गये। आपकी संवेदनशील लेखनी को सलाम।
आपको पापा के जन्मदिन की बधाई, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
कई लम्हे कई सम्बन्ध हमें बच्चो सा भावुक बना देते है ...ये उसी ज़ज्बे को रिफ्लेक्ट करता है
आपको पापा के जन्मदिन की बधाई,
मेरी भी अम्मा बहुत जल्दी छोड़कर चली गयी थीं, उस समय मैं तेरह साल की थी. तो जब पाँच साल पहले बाबू जी गए तो मेरे दोस्त ने भी मुझे यही कहकर ढांढस बँधाया था कि 'तुम यहाँ रो रही हो, और बाबू जी वहाँ अम्मा के साथ होंगे और तुम्हें देखकर दुखी हो रहे होंगे.' बस मैंने रोना बंद कर दिया. अब कभी रोती भी हूँ, तो वही बात याद आती है कि माता-पिता कहीं जाते नहीं है, बस अदृश्य होकर हम पर नज़र रखते हैं :)
मार्मिक स्मरण ।
कई बार मन करता था कि अच्छा रिज़ल्ट आने पर दौडकर आपके गले लग जाऊ मगर हमेशा एक दूरी सी बनी रही!
पापा को भी यही लगता होगा । यह रिश्ता होता ही ऐसा है ।
विनम्र श्रधांजलि ।
पापा को इतनी भावभीनी श्रृद्धांजलि एक बिटिया ही दे सकती है ,मन भीग गया पढ़कर !भटनावर में जब कभी उनसे मुलाकात होती थी तो विषय ग़ज़ल,गीत और संगीत ही होते !सुरेन्द्र जी मेहंदी हसन के तो दीवाने थे !आपने उनकी पसंदीदा ग़ज़ल सुनवाकर उनकी यादों को ताज़ा कर दिया है !श्रद्धांजलि और Happy birthday
पुत्री-पिता संवाद मन को छू गया।
Ankhe nam ho gai mam,
papa ke pyar me ap bilkul nadi ki dhara ki tarah bahati hui likhi hi.
पल्लवी जी क्या कहू में रो रही थी .ऑफिस में हू यही आपकी ये पोस्ट पढ़ी और पिछले १० मिनिट रे रह रह कर आंसू आ रहे है और में बार बार एसे नाटक कर रही हू jaise computer ke samne bethe bethe aankhe jal रही ho ,क्या karu आंसू rukne ka naam nahi le रहे jaanti हू aapne kaha है aapne dukhi hokar nahi likha par aapke man ke bhavo ko samjh sakti हू shayad .ये nahi kahungi ki aapne dunia ka sabse accha patra likha है papa ko ,par aapne wo likh diya है jiske shabd aapke papa ke dil tak pahunche honge.......ab jyada shabd nahi है mere pass.....
..........
पल्लवी जी
एकदम भावुक कर दिया आपने. इंजीनियर शब्द की अच्छी व्याख्या की आपने..... वाह वाह !
पुत्री का ख़त पिता के नाम..... मेहंदी हसन की ग़ज़ल इस पत्र के साथ भावनाओं को और अच्छे से व्यक्त करती है
आपने तो बस, रुला दिया...
Padh ke aisa laga jaise mere khud ke bahut kareeb hai ye...Thanks for sharing..!!!
Its Awesome. Very touching...!!!
kahunga nai ki mai abhi abhi roya nahin...roya bahut
wajah - sirf priyejan ke bichadne ka gam tha.. aisa nai
khushi ke bhi ansu the mishrit isme.. swikarna padega
wajah - ek beti pita ke karib aa rahi thi.. kahna padega
naman
क्या कहूँ।
बहुत संवेदनशील पोस्ट ...
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