ये रात कितनी हसीन है
काली स्याह रात की चादर पर
परियों ने सितारे टांक दिए हैं और
रजनीगंधा ने महका दिया है
इस मदहोश रात को...
ये हसीन आलम और
तुम मेरे पहलू में
बस और कोई ख्वाहिश नहीं अब...
इस रात को चाँद का
सफ़ेद टीका लगा आया हूँ
कहीं किसी की नज़र न लग जाए...
तुम्हारे लिए
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मैं उसकी हंसी से ज्यादा उसके गाल पर पड़े डिम्पल को पसंद करता हूँ । हर सुबह
थोड़े वक्फे मैं वहां ठहरना चाहता हूँ । हंसी उसे फबती है जैसे व्हाइट रंग ।
हाँ व्...
5 years ago